विश्व हिंदी दिवस 10 जनवरी को मनाया जाता है, जो वैश्विक स्तर का दिवस है। भारत समेत अन्य देशों में हिंदी के प्रसार प्रचार के लिए विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है जबकि भारत 14 सितंबर को हिंदी दिवस मनाता है।
पहला हिंदी दिवस सम्मेलन 10 जनवरी 1974 को महाराष्ट्र के नागपुर में आयोजित हुआ था। यह सम्मेलन अंतरराष्ट्रीय स्तर का था, जिसमें ३० देशों के 122 प्रतिनिधि शामिल हुए थे। इस सम्मेलन का उद्देश्य हिंदी का प्रसार-प्रचार करना था। तब से विश्व हिंदी दिवस इसी तारीख यानी 10 जनवरी को मनाया जाने लगा।
हिन्दी भाषा का इतिहास लगभग एक हजार वर्ष पुराना माना गया है। सामान्यतः प्राकृत की अन्तिम अपभ्रंश अवस्था से ही हिन्दी साहित्य का आविर्भाव स्वीकार किया जाता है। उस समय अपभ्रंश के कई रूप थे और उनमें सातवीं-आठवीं शताब्दी से ही 'पद्य' रचना प्रारम्भ हो गयी थी।
हिंदी भाषा भारत के बाहर 20 से अधिक देशों में बोली जाती है। भारत को छोड़कर हिंदी भाषी देश अमेरिका, मॉरीशस, दक्षिण अफ्रीका, यमन, युगांडा, सिंगापुर, पाकिस्तान, नेपाल और न्यूजीलैंड हैं।
हिंदी (खड़ी बोली) की पहली कविता प्रख्यात कवि 'अमीर खुसरो' ने लिखी थी. * 14 सितंबर 1949 को संविधान सभा ने एक वोट से यह निर्णय लिया कि 'हिंदी' ही भारत की राजभाषा होगी. * हिंदी भाषा के इतिहास पर पहले साहित्य की रचना एक फ्रांसीसी लेखक ग्रासिन द तैसी ने की थी.
हम संविधान के अनुच्छेद 343 और 351 के अनुसार राजभाषा हिंदी का अधिकतम प्रयोग करते हुए प्रचार प्रसार बढ़ाएं। अनुच्छेद 351 के अनुसार संघ का यह कर्तव्य होगा कि वह हिंदी का प्रसार बढ़ाए, उसका विकास करे। इससे वह भारत ती साासिक संस्कृति के सभी तत्वों की अभिव्यक्ति का माध्यम बन सके। साथ ही उसकी प्रकृति में हस्तक्षेप किे बिना हिन्दुस्तानी में और आठवीं अनुसूची में विनिर्दिष्ट भारत की अन्य भाषाओं में प्रयुक्त रूप, शैली और बदों को आत्मसात करे।